अलविदा कहते हैं हम दो हज़ार चौदह तुझे,
और स्वागत कह रहे हैं दो हज़ार पंद्राह तुझे।
लेके आजा ज़िंदगी में तू भी अब ख़ुशियां हज़ार,
पिछले वर्षों से भी अच्छी अबके आ जाये बहार।
-आले हसन खां (रहबर) क़ायमगंज, भारत ।
अलविदा कहते हैं हम दो हज़ार चौदह तुझे,
और स्वागत कह रहे हैं दो हज़ार पंद्राह तुझे।
लेके आजा ज़िंदगी में तू भी अब ख़ुशियां हज़ार,
पिछले वर्षों से भी अच्छी अबके आ जाये बहार।
-आले हसन खां (रहबर) क़ायमगंज, भारत ।