तू हमारी बहन और सहेली भी है ,
एक अनबूझ अदभुत पहेली भी है |
भोली चितवन में तेरी एक बांकपन,
चंदन काया में रखती है तू साफ़ मन |
और अधरों पे तेरी जो मुस्कान है ,
सुंदर मुखड़े की तेरी वो पहचान है ||
तू हमारी बहन और सहेली भी है ,
एक अनबूझ अदभुत पहेली भी है |
हाथों पैरों में मेंहदी लगाकर तुझे,
प्यारी दुल्हन बनादें सजाकर तुझे,
चाँद तारे लगा दें तेरी मांग में ,
भावी सपने सजादें तेरी आँख में ,
तू हमारी बहन और सहेली भी है
एक अनबूझ अदभुत पहेली भी है |
आज कैसी लगी है ये देखो लगन,
झूमती है धरा और गाता गगन,
वाटिका का हमारी तू है एक सुमन,
तुझसे बिछड़े तो होती है दिल को चुभन,
तू हमारी बहन और सहेली भी है ,
एक अनबूझ अदभुत पहेली भी है |
आले हसन ख़ाँ (रहबर)