आओ सहेलियो आओ सहेलियो ,
मिलकर के आज नाचो गाओ सहेलियो ||
भाई को आज हम तो उबटन लगायेंगे,
चंदन से उसके तन में खुशबू बसायेंगे,
प्यारा उसको हमसब दूल्हा बनाएंगे |||
आओ सहेलियो…………….,
आओ सहेलियो……………||
मम्मी का है दुलारा पापा को प्यारा है,
बहनों का अपनी वह तो आँखों का तारा है ,
सारे जहां से अच्छा भाई हमारा है |||
आओ सहेलियो……………….,
आओ सहेलियो……………….||
किरणों के रथ पे उसको जब हम बिठायेंगे,
अर्धांगिनी को लेने तब घर से जायेंगे,
धरती गगन भी उस पल मल्हार गायेंगे |||
आओ सहेलियो आओ सहेलियो
मिलकर के आज नाचो गाओ सहेलियो
भाभी साथ लेकर जब भी वो आयेंगे,
प्रतीक्षा में अपनी बह्नों को पायेंगे,
फिर नेग देके अपना दामन छुडाएंगे |||
आओ सहेलियो आओ सहेलियो,
मिलकर के आज नाचो गाओ सहेलियो ||
आले हसन ख़ाँ (रहबर)